साल 2025 का पहला सूर्य ग्रहण आज, 29 मार्च को लगने जा रहा है। यह खगोलीय घटना भारतीय समयानुसार दोपहर 2 बजकर 21 मिनट से शुरू होकर शाम 6 बजकर 14 मिनट तक चलेगी, जिसमें ग्रहण का मध्य बिंदु दोपहर 4 बजकर 17 मिनट पर होगा। कुल मिलाकर, यह ग्रहण लगभग 3 घंटे 53 मिनट की अवधि का होगा。
सूर्य ग्रहण की दृश्यता:
यह आंशिक सूर्य ग्रहण यूरोप, उत्तर-पश्चिम अफ्रीका, ग्रीनलैंड, आइसलैंड, अमेरिका और कनाडा के पूर्वी हिस्सों में देखा जाएगा। हालांकि, भारत, पाकिस्तान, नेपाल और बांग्लादेश में यह दृश्य नहीं होगा।
सूतक काल की मान्यता:
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सूर्य ग्रहण से 12 घंटे पहले सूतक काल शुरू होता है, जिसके दौरान मंदिरों के कपाट बंद रहते हैं और शुभ कार्यों से परहेज किया जाता है। चूंकि यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए यहां सूतक काल मान्य नहीं होगा।
शनि गोचर का दुर्लभ संयोग:
ज्योतिष गणना के अनुसार, इस सूर्य ग्रहण के दिन शनि देव मीन राशि में प्रवेश कर रहे हैं, जो लगभग 100 वर्षों बाद हो रहा एक दुर्लभ संयोग है। शनि की धीमी चाल के कारण उनका राशि परिवर्तन ढाई वर्ष में एक बार होता है, और यह परिवर्तन विश्व और राशिचक्र पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है।
सावधानियां:
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सूर्य ग्रहण को नग्न आंखों से देखने से बचें, क्योंकि इससे आंखों को नुकसान हो सकता है। यदि आप उन क्षेत्रों में हैं जहां यह ग्रहण दृश्य है, तो विशेष सौर फिल्टर या प्रमाणित चश्मों का उपयोग करें।
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गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है, हालांकि यह वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित नहीं है। विश्वास और परंपराओं के अनुसार, उन्हें इस अवधि में घर के अंदर रहने और कुछ गतिविधियों से परहेज करने की सलाह दी जाती है।
सूर्य ग्रहण जैसी खगोलीय घटनाएं विज्ञान और ज्योतिष दोनों दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण होती हैं। हालांकि यह ग्रहण भारत में दृश्य नहीं होगा, लेकिन इसकी जानकारी रखना ज्ञानवर्धक है।
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