SIP किश्त में बदलाव के तरीके:
SIP में किश्तों में बदलाव करने के मुख्यतः दो तरीके हैं:
1. SIP Step-up: इसमें आप हर कुछ समय बाद (जैसे, हर छह महीने या हर साल) अपनी SIP की किश्त में वृद्धि करते हैं। यह एक प्रभावी तरीका है अपने निवेश को बढ़ाने का और कंपाउंडिंग का लाभ उठाने का। जैसे-जैसे आपकी आय बढ़ती है, आप अपनी SIP की किश्त भी बढ़ा सकते हैं। यह लंबी अवधि में बड़ा फायदा दे सकता है।
2. SIP Step-down: इसमें आप अपनी SIP की किश्त को कम करते हैं। हालांकि यह आम तौर पर कम किया जाता है, यदि आपके पास अचानक कोई बड़ी खर्चा आ गया हो या आपकी आय में कमी आ गई हो। लेकिन ध्यान रखें कि SIP को बीच में ही बंद करने से बेहतर है किश्त कम कर देना।
कैसे करें SIP किश्त में बदलाव:
ऑनलाइन पोर्टल: अधिकतर एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (AMCs) के पास ऑनलाइन पोर्टल होते हैं जहाँ आप अपनी SIP में बदलाव कर सकते हैं। आपको केवल लॉग इन करना होगा और अपनी SIP डिटेल में जाकर किश्त राशि बदलनी होगी।
कस्टमर केयर: यदि ऑनलाइन बदलाव करने में आपको कोई परेशानी हो रही है तो आप AMCs के कस्टमर केयर से संपर्क कर सकते हैं।
आवेदन पत्र: कुछ मामलों में, आपको एक आवेदन पत्र भरकर भेजना पड़ सकता है।
महत्वपूर्ण बातें:
नियम और शर्तें: हर AMC के अपने नियम और शर्तें होती हैं SIP किश्त बदलने के संबंध में। इसलिए, आपकी AMCs की वेबसाइट पर दी गई जानकारी को ध्यान से पढ़ना जरूरी है।
निवेश लक्ष्य: किश्त बदलने से पहले, अपने निवेश लक्ष्यों पर फिर से विचार करें। क्या किश्त बढ़ाना या घटाना आपके लक्ष्यों के अनुरूप है?
कर प्रभाव: SIP किश्त बदलने का आपके कर दायित्व पर भी प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए, वित्तीय सलाहकार से सलाह लेना बेहतर होगा।
निष्कर्ष:
SIP में मासिक किश्त को बढ़ाना या घटाना एक लचीला विकल्प है जो आपको अपनी बदलती वित्तीय परिस्थितियों के अनुसार अपने निवेश को डायनामिक तरीके से मैनेज करने में मदद करता है। हालांकि, कोई भी बदलाव करने से पहले, अपनी वित्तीय स्थिति और निवेश लक्ष्यों पर गौर करें और ज़रूरत पड़ने पर एक वित्तीय सलाहकार से परामर्श लें।
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